■आज़ पर्यावरण दिवस पर विशेष : •वंदना गोपाल शर्मा ‘शैली’.
3 years ago
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●न जाने कहाँ खो गया ?
●पीपल का वह पेड़….
-श्रीमती वंदना गोपाल शर्मा ‘शैली’.
[ भाटापारा-छत्तीसगढ़ ]
चारों ओर से घिरी इमारतें.,
हवा से अब नहीं होती बातें,
कभी-कभी
मुझे भी घुटन होती है…
नहीं होती गौरैय्या से बातें!
न जाने कहाँ खो गया …?
पीपल का वह पेड़ ,🌿🌱🍀☘️
जिससे होती थी नित्य बातें …!
जानी-पहचानी जगह अब…
अनजानी सी लगती है ,
ऊँचे-ऊँचे महलों को देख अब
बयाँ डरने लगी…
फिर वह अपना ठिकाना
नए पेड़ों पर
तलाशने लगी…है!
नहीं होती अब ,
हवा से बातें
चारों ओर घिरी इमारतें…!
अब
कभी-कभी मुझे भी
घुटन होती है…!
●कवयित्री संपर्क-
●93028 39704
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