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- ■छत्तीसगढ़ : भिलाई : •चंदूलाल चन्द्राकर हॉस्पिटल [सी एम हॉस्पिटल] के फर्ज़ीवाड़ा की जानकारी, चंदूलाल चन्द्राकर के प्रपौत्र अमित चन्द्राकर ने की पढ़ें पूरी कहानी-
■छत्तीसगढ़ : भिलाई : •चंदूलाल चन्द्राकर हॉस्पिटल [सी एम हॉस्पिटल] के फर्ज़ीवाड़ा की जानकारी, चंदूलाल चन्द्राकर के प्रपौत्र अमित चन्द्राकर ने की पढ़ें पूरी कहानी-
■भिलाई में स्थित : चंदूलाल चन्द्राकर हॉस्पिटल.
■चंदूलाल चन्द्राकर के प्रपौत्र अमित चन्द्राकर ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को पत्र लिखा.
■स्पीड पोस्ट और मेल से दस्तावेज भेजा,हस्तक्षेप करने का आग्रह किया.
■लीज़ की जमीन पर बैंकों से लोन लेकर सी एम कॉलेज कचांदुर में खोलकर डायरेक्टर वों द्वारा लूट और भूपेश बघेल सरकार द्वारा अधिग्रहण को भी गलत ठहराते,अस्पताल के लुटेरों को प्रश्रय देने का लगाया आरोप.
■इस संदर्भ में अमित चन्द्राकर ने राज्यपाल से भी मुलाकात की.
●छत्तीसगढ़-भिलाई :
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चंदुलाल चन्द्राकर के पौत्र अमित चन्द्राकर ने एक बड़े निजी चंदुलाल चंद्राकर अस्पताल व मेडिकल कालेज जिसमे, नगर निगम और सरकारी बैंक इण्डिया बैंक के बीच एक घोटाले की जांच को लेकर पूर्व में महामहिम को ज्ञापन सौंपा था जिस पर अगली कार्यवाही करते हुवे उन्होंने सम्पूर्ण दस्तावेज ई मेल व स्पीड पोस्ट के माध्यम से अखिल भारतीय काँग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी व जनरल सेक्रेटरी प्रियंका गांधी को भेजी। उन्होंने सम्पूर्ण दस्तावेजों के साथ साथ इस मुद्दे पर प्रदेश सरकार के अधिग्रहण के फैसले को भी गलत ठहराते हुवे इसे पार्टी की नीतियों के खिलाफ बताया अमित चन्द्राकर ने आरोप लगाया कि मेडिकल कालेज के डायरेक्टरो में मिलकर नेहरू नगर स्थित चंदुलाल चन्द्राकर अस्पताल की जमीन जो की नगर निगम की जमीन है जिसे साडा कार्यकाल में अस्पताल के नाम जनता को सस्ता व सुलभ इलाज का वादा कर कौड़ियों के दाम लीज़ पर लिया गया था उस पर कोई भी लोन अथवा बेचने या स्थानांतरण का अधिकार नही दिया गया था ना ही लीज़ अग्रीमेंट में लोन लेने जैसे अधिकार डायरेक्टरों को दिए गए थे* उसके बाद भी अस्पताल के डायरेक्टरो ने मिलकर मेडिकल कालेज खोलने के नाम पर उक्त लीज भूमि जो सरकारी भूमि है को बैंक में गैरकानूनी रूप से निगम के अनापत्ति प्रमाण पत्र बिना बैंकों से लोन ले लिया और बैंकों ने लोन दे भी दिया जो संदेहास्पद है। उस लोन के पैसे से निजी मेडिकल कालेज कचांदुर में खोल शिक्षा का व्यवसायीकरण किया गया साल 2016 के बाद मेडिकल कालेज कचांदुर को मान्यता नही मिली जिसके बाद कालेज के प्रबंधको ने बैंक का ऋण न चुका ना सिर्फ कॉलेज और अस्पताल की डिफॉल्ट में डाल दिया बल्कि चंदूलाल चंद्राकर के नाम को खराब करने में भी कोई कसर नही छोड़ी ।जिसके फलस्वरूप इंडियन बैंक ने निगम की सम्पत्ति पर नोटिस चस्पा कर अस्पताल को कुर्की में डाल दिया जो कि पूर्ण रूप से असवैधानिक कार्यवाही है।
अमित चन्द्राकर ने कहा कि सरकार ने हाल ही में इस निजी मेडिकल कालेज को अधिग्रहण करने की घोषणा की जो सरकार का ना सिर्फ गलत फैसला है अपितु अस्पताल के लुटेरों को बचाने की एक साजिश है।अमित ने बताया कि उन्होंने पिछले डेढ़ साल से सरकार सहिंत निगम कमिश्नर और मंत्री को कई पत्र लिखे और मीडिया के माध्यम से आगाह और संज्ञान लेने की अपील की जिसे भी सरकार ने नज़रअंदाज़ करके अधिग्रहण की घोषणा कर दी। अमित ने कहा की सरकार द्वारा एक विवादित एवं असवैधानिक परिसर में हस्तक्षेप करने की मंशा समझ नही आ रही इतनी जल्दबाजी में बिना जांच व मामले को संज्ञान में लिए बिना अधिग्रहण भी एक सोची समझी साजिश व अस्पताल के लुटेरों को बचाने की साजिश नजर आती है। उन्होंने कहा कि सारे दस्तावेज सरकार को पोस्ट और ईमेल के माध्यम से दे दिया गया है।
*उस आधार पर सरकार की अनदेखी के चलते इस मामले को तत्काल संज्ञान में लेकर जांच की मांग को लेकर महामहिम से पूर्व में मुलाकात की और सारे दस्तावेज राज्यपाल को सौंपने की जानकारी अमित चन्द्राकर ने दी ।उन्होंने अस्पताल नेहरू नगर चौक व कालेज कचांदुर से सभी डायरेक्टरों की सम्पत्ति की जांच सहिंत बैंक का कर्ज जनता की गाड़ी कमाई जो जनता की सेवा हेतु है से सरकार द्वारा न कर्ज न पटाकर डायरेक्टरों की संपत्ति कुर्क कर वसूली जाने की मांग की।
आज श्री अमित चन्द्राकर ने कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व सोनिया गांधी, राहुल जी, प्रियंका जी को चंदुलाल चन्द्राकर अस्पताल एवम मेडिकल कालेज घोटाले की पूरी जानकारी एवम दस्तावेज पत्र व मेल के माध्यम से भेजी।
अब तक सरकार को दिए सारी जानकारी, मीडिया में प्रकाशित सारे दस्तावेज संलग्न कर भेज उन्होंने मांग की है कि आदरणीय राहुल जी काँग्रेस की नीति एवम रीति पर चलते हुए बैंक घोटाले में लिप्त निजी मेडिकल कालेज पर कार्यवाही करने को सरकार को निर्देशित करे।
उन्होंने तर्क देते हुवे कहा कि 2013 में राहुल जी ने अपनी ही सरकार के खिलाफ एक अध्यादेश को फाड़ के फेक दिया था क्यो की वह अध्यादेश जनता के सोच के खिलाफ था, सजा पा चुके नेताओं के चुनाव लड़ने के खिलाफ थे राहुल जी। और वह अध्यादेश नेताओ को छूट दे रही थी जो सजा पा चुके थे उन्हें भी चुनाव लड़ने से।इसी आधार पर काँग्रेस की नित्तियों के विरुद्ध भूपेश सरकार के इस फैसले को वापस लेने का निवेदन अमित चंद्राकर ने किया है।
[ ●प्रेस नोट समाचार विभाग,’छत्तीसगढ़ आसपास’. ●प्रिंट एवं वेबसाइट वेब पोर्टल, न्यूज़ ग्रुप समूह, रायपुर,छत्तीसगढ़. ]
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