यूट्यूब सीरीज़ :• कोरोना पेंडमिक में मानसिक तनाव में मुक्ति एवं ख़ुश रहने के लिए 21 दिवसीय ऑनलाइन आयोजन.
■छत्तीसगढ़ : स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय, आमदी नगर,हुडको,भिलाई में.
■पहल-डॉ. हंसा शुक्ला, प्राचार्य स्वरुपानंद महाविद्यालय और कार्यक्रम संयोजिका-डॉ. रचना पाण्डेय.
■आमंत्रित अतिथि-डॉ. अरुणा पल्टा,कुलपति स्व.हेमचंद विश्वविद्यालय, दुर्ग. डॉ. कामिल मातुला, प्रोफेसर सेलेशियन, ओपावा,यूरोप. डॉ. स्वास्तिका तिवारी,स्त्री रोग विशेषज्ञ,वाराणसी. विवेक शर्मा, बॉलीवुड डायरेक्टर. मेघा शर्मा उछन्ना क्लस्टर सस्टेनेबल मैनेजर, साऊथ एशिया. डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव, अधिष्ठाता छात्र कल्याण, हेमचंद विश्वविद्यालय, दुर्ग. अनिल धगट, कुलपति श्री कृष्णा विश्वविद्यालय, मध्यप्रदेश. आशुतोष शर्मा,तहसीलदार, जिला-सिहोर, मध्यप्रदेश. गणेश गुंजन,एसोशिएट डायरेक्टर, मिंत्रा कर्नाटक.
छत्तीसगढ़ : दुर्ग :
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कोरोना पेंडमिक के दौर में जब लोग को शारीरिक एवं एवं मानसिक रुप से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है इसका सबसे ज्यादा प्रभाव लोगों की मानसिक स्थिति पर पड़ रहा है। इन सभी परेशानियों को ध्यान में रखते हुए स्वरूपानंद महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला के मार्गदर्शन में यह पहल की गई जिसमें राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा,स्वास्थ्य,जनसेवा,मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत राष्ट्रीय एवं अंर्तराष्ट्रीय विशेषज्ञों के सकारात्मक विचारों का विडियों बनाकर महाविद्यालय के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया।
कार्यक्रम की संयोजिका डा. रचना पाण्डेय ने बताया कि आज के इस महामारी के दौर में विश्व स्तर पर लोग डरे हुए है। उन्हे सही दिशा.निर्देश नही मिल पा रहा है कैसे वे अपने आपको इस संक्रमण से सुरक्षित रखकर खुष रह सकते है। महाविद्यालय द्वारा लोगो को जागरूक करने एवं मानसिक संबंल प्रदान करने हेतु इस यूटयू्ब सीरीज बनाया गया।
कार्यक्रम की संयोजिका डॉ रचना पांडे ने बताया कि 21 दिवसीय सीरीज के रूप में प्रतिदिन महाविद्यालय के यूट्यूब चैनल पर एक विषेशज्ञ के विचार अपलोड किए गए। इसका उद्देश्य सकारात्मक विचारों से अपने जीवन शैली में परिवर्तन लाना कोरोना संक्रमण से बचने हेतु आवश्यक सावधानी अपनाना जिससे हम शारिरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहे।
महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. दीपक शर्मा ने इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि यूट्यूब के द्वारा विश्वस्तर पर लोगों तक सकारात्मक संदेश पहुचाना एक नई पहल है।
इस कड़ी की शुरूआत हेमचंद यादव की कुलपति माननीय डॉ अरूणा पल्टा जी के विडियों से की गई जिन्होंने अपने विडियों में खुश रहने के तरीकों के बारे में बताया और कहा कि लॉकडाउन के समय जब हम अपने घर से बाहर नही निकल सकते तो अपने हाबी को समय देकर पूरा कर सकते है इससे खुश और तनाव मुक्त रहेंगे।
इस कड़ी में डॉ कामिल मातुला प्रोफेसर सेलेशियन यूनिवर्सिटी ओपावा (यूरोप) ने बताया कि हम प्रकृति के साथ खुली हवा में यदि ज्यादा समय बिताते है तो निश्चित ही हमारा तन और मन दोनों स्वस्थ रहेगा। इस लाकडाउन के दौरान जब सभी लोग घरों में कैद हो गए है तो उसमें से कुछ समय हमें प्रकृति के साथ बिताना चाहिए।
डा. स्वास्तिका तिवारी स्त्री रोग विषेशज्ञ (वाराणसी) ने इस पेंडमिक समय में हम अपने खान.पान में पौष्टिक पदार्थो को ज्यादा से ज्यादा शामिल करे जिससे हमारी रोग प्रतिराधक क्षमता अच्छी हो और हम इस संक्रमण से बच सकें संबंधी जानकारी अपने विडियो के माध्यम से दी।
श्री विवेक शर्मा बालीवुड डायरेक्टर ने कहा कि इस कोरोना काल के दौरान आपको अपने घर में रहने का समय मिल रहा है इस समय का सदुपयोग आप नयी सोच विकसित कर सकते है, संगीत सीख सकते है और खुश रहकर इस समय को प्रसन्नतापूर्वक व्यतीत कर सकते है।
श्रीमती मेघा शर्मा उछन्ना क्लस्टर सस्टनेबल मैनेजर साउथ एशिया ने अपने विडियों में कहा कि इस पेंडमिक समय में आप वह सारे काम कर सकते है जो समयाभाव के कारण आप आज तक नही कर पाये और इस समय को अपने जीवन का स्वर्णिम समय बना सकते है।
डा. प्रशांत श्रीवास्तव, अधिश्ठाता छात्र कल्याण, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय ने कहा कि इस महामारी में लाकडाउन के दौरान जब लोग घर से कार्य कर रहे है तो वाहन का उपयोग बहुत कम हो रहा है जिससे हमारे आस पास के वातावरण स्वच्छ और प्रदूषित रहित हो गया है। इस सदुपयोग आप खुले वातारण में व्यायाम करें। जिससे ज्यादा से ज्यादा आक्सीजन आपके शरीर में पहुच सके।
डाण् अनिल धगट कुलपति श्री कृष्णा विष्वविद्यालय म.प्र. ने कहा की हमें अपने दृष्टिकोण को बदलना होगा। रोजगार के लिये स्वयं का कौशल विकसित करना होगा और अपने परिवार के बुजुर्गो के साथ रहकर उनके अनुभवो से सीख कर एवं उन्हे खुश रखकर स्वयं भी प्रसन्न रह सकते है।
श्री आशुतोष शर्मा तहसीलदार जिला सिहोर म.प्र. ने कहा कि हम अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकते है इसके लिये हमें स्वयं जागरुक होना पडेगा और कोरोना से बचने के नियम का पालन करना होगा। जिससे हम कभी भी मानसिक रुप से कमजोर नहीं हो पायेंगे।
श्री गणेश गुंजन एसोसिएट डायरेक्टर मिंत्रा कर्नाटक, ने कहा कि हम मानसिक रुप से तभी स्वस्थ्य रह सकते है जब अपने आपको रचनात्मक कार्य में लगा दे जैसे- संगीत सुनना और सीखना, बागवानी करना, पुस्तके पढ़ना आदि।
विद्यार्थियों ने प्रतिदिन विशेषज्ञों के विचारो को यूट्यूब के माध्यम से सुनने को एक नया अनुभव बतया और कहा कि रोज नया सकारात्मक विचार सुनकर इस पेंडमिक समय में हम कुछ नया करने और सीखने के लिये प्रेरित हो रहे है।
[ प्रेस नोट डेस्क, ‘छत्तीसगढ़ आसपास’. प्रिंट एवं वेबसाइट वेब पोर्टल, न्यूज़ ग्रुप समूह,रायपुर, छत्तीसगढ़. ]