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चिकित्सकों ने सरकार को दिखाया ठेंगा, अब तक 35 डाक्टर दे चुके हैं इस्तीफा, जानें, क्यों नाराज हैं डाक्टर्स??
डाक्टर्स के निजी प्रैक्टिस के खिलाफ छत्तीसगढ़ सरकार के फैसले से नाराज सरकारी अस्पतालों में सेवा दे रहे डॉक्टर्स लगातार इस्तीफा दे रहे हैं. बुधवार को राजनंदगांव में डाक्टर्स सामूहिक इस्तीफा दे चुके है. मालूम हो, सरकार की सख्ती से नाराज होकर पिछले 10 दिनों में 2 जिले में 35 डॉक्टर्स अब तक इस्तीफा दे चुके हैं.
निजी प्रैक्टिस पर सख्ती के खिलाफ आंदोलनरत हैं डॉक्टर्स
गौरतलब है निजी प्रैक्टिस के खिलाफ सरकार के सख्ती के खिलाफ संविदा डॉक्टर्स लगातार इस्तीफा सौंप रहे हैं. डॉक्टरों के इस्तीफे का सिलसिला गत 28 अक्टूबर को दुर्ग के चंदूलाल चन्द्राकर मेडिकल कॉलेज से शुरू हुआ. मामला तब तूल पकड़ गया जब यहां 2 दिन में 12 डॉक्टर्स ने इस्तीफा दे दिया, जिसमें से 6 अलग-अलग विभागों के एचओडी शामिल थे.
आखिर छत्तीसगढ़ में इस्तीफे पर क्यों अमादा हैं डाक्टर्स?
छत्तीसगढ़ डॉक्टर फेडरेशन अध्यक्ष डॉ हीरा सिंह लोधी के मुताबिक एक सरकारी आदेश में निजी प्रैक्टिस पर रोक लगाने के लिए निजी अस्पतालों से शपथ पत्र मंगाए जा रहे हैं, जिसमें लिखा है कि, हमारे यहां कोई सरकारी डॉक्टर सेवा नहीं दे रहा है, जो लोग एनपीए ((नॉन प्रैक्टिस एलाउंस) नहीं ले रहे हैं, उन्हें भी निजी चिकित्सालयों में प्रैक्टिस से रोका जा रहा है.
सरकारी आदेश अव्यवहारिक, इसे वापस लिया जाना चाहिए
छत्तीसगढ़ डॉक्टर फेडरेशन अध्यक्ष ने बताया कि जारी सरकारी आदेश में कहा गया है कि, जो डाक्टर्स प्राइवेट प्रैक्टिस करना चाहते हैं, वह अपने घर में ही करें. उन्होंने कहा कि, अब बताइये कि एनिस्थिसिया, सर्जरी करने वाले डॉक्टर अपने घर में प्रैक्टिस कैसे करेंगे, उनको ऑपरेशन थिएटर की जरूरत होगी, यह आदेश अव्यवहारिक है, इसे वापस लेना चाहिए.
18 अक्टूबर 2024 को निजी अस्पतालों को जारी किया गया आदेश
गत 18 अक्टूबर को निजी अस्पतालों को जारी किए आदेश के बाद सभी निजी अस्पतालों को एक शपथ पत्र भरने को कहा गया, जिसमे यह लिखना था कि, हमारे यहां कोई सरकारी चिकित्सक सेवा नहीं दे रहा है, जिसको लेकर चिकित्सकों की नाराजगी बढ़ गई और 28 अक्टूबर से 5 नवंबर तक 35 चिकित्सकों ने इस्तीफा सौंप चुके हैं.
दुर्ग, राजनांदगांव के बाद रायगढ़ में सामूहिक इस्तीफे की तैयारी
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मामले पर सफाई देते हुए कहा कि पहले से चले आ रहे नियमों को ही शक्ति से पालन करवाने की कोशिश की जा रही है. कुछ डॉक्टर ने इस्तीफा दिया है. उच्च अधिकारियों के जरिए डॉक्टरों से बातचीत की कोशिश की जा रही है और आपसी तालमेल से कोई बीच का रास्ता निकाल लिया जाएगा.