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- ‘कादम्बरी अखिल भारतीय साहित्यकार पत्रकार अलंकरण : अहमदाबाद {गुजरात} की डॉ. आशा सिंह सिकरवार को 9 नवम्बर, 2024 को जबलपुर {मध्यप्रदेश} में एक भव्य समारोह में नई कविता के लिए कादम्बरी सम्मान- 2024 से सम्मानित किया जाएगा
‘कादम्बरी अखिल भारतीय साहित्यकार पत्रकार अलंकरण : अहमदाबाद {गुजरात} की डॉ. आशा सिंह सिकरवार को 9 नवम्बर, 2024 को जबलपुर {मध्यप्रदेश} में एक भव्य समारोह में नई कविता के लिए कादम्बरी सम्मान- 2024 से सम्मानित किया जाएगा
👉 स्व.महेश किशोर शर्मा सम्मान नई कविता के लिए सम्मानित कवयित्री डॉ. आशा सिंह सिकरवार
‘छत्तीसगढ़ आसपास’ [अहमदाबाद]
संस्कारधानी जबलपुर की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रियाशील साहित्यिक संस्था ‘ कादम्बरी द्वारा साहित्यकार एवं पत्रकार सम्मान समारोह 2024 के लिए विविध विधाओं में साहित्यकारों एवं पत्रकारों को दिये जाने वाले सम्मान घोषित हो चुके हैं।
कादम्बरी के सम्मान के लिए विविध अंचलों से सैकड़ों प्रविष्ठियां प्राप्त हुई। जिसमें पुरस्कारों की संख्या कुल 117 है। विविधा के अन्तर्गत साहित्य की विविध विधाओं की कृतियां शामिल हैं।
सभी सम्मानित साहित्यकार 9 नवम्बर 2024 को शहीद स्मारक
प्रेक्षागृह गोलबाजार जबलपुर में 3 :00 बजे से आयोजित
कादम्बरी सम्मान समारोह उपस्थित रहेंगे।
अहमदाबाद की सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉ. आशा सिंह सिकरवार
लोक चिंतन पत्रिका ( पटना -दिल्ली ) गुजरात की जिला अध्यक्ष, साहित्य टीवी दिल्ली की प्रभारी। विश्व हिन्दी शोध संवर्धन अकादमी (वाराणसी) गुजरात की जिला अध्यक्ष
को ‘ नई कविता ‘ के लिए मिला कादम्बरी साहित्यिक सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था जबलपुर द्वारा कादम्बरी सम्मान स्व .
महेश किशोर शर्मा सम्मान ।
डॉ आशा सिंह सिकरवार की नई कविता के केंद्र में स्त्री विमर्श की कविता है। वे अपने कविता संग्रह उस औरत के बारे में, स्त्री की दशा पर सवाल उठाती हैं। सामाजिक विसंगतियों, विदुपता, सामाजिक समस्याओं पर चिंतन का साक्ष्य उपस्थित है। वहीं स्त्री की गंध द्वितीय काव्य संग्रह में बच्चे, स्त्री, समाज और जीवन की विस्तृत पीड़ाओं का अंकन हुआ है। यथार्थ परक कविताएं अधिक है जो अपने आस-पास के समाज को समग्रता में समेटती है और मानवीय मूल्यों को बचाये रखने के लिए यथार्थ से टकरातीं हैं।
स्त्री उत्पीड़न, स्त्री, शोषण के विरुद्ध, बर्बरता, सामाजिक विसंगतियों पर करारा व्यंग्य करती है । दूसरी तरफ बच्चों पर लिखीं विशेष कविताओं में ममत्व की गहनता और ऊंचाई देखी जा सकती हैं।इसलिए उनकी कविता साहित्य में अलग जगह बनाती हैं।
डॉ आशा सिंह सिकरवार आज हिंदी कविता में जाना पहचाना नाम है उनकी साहित्य में सक्रिय भूमिका देखते बनती है। अनवरत अनेक राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान एवं पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।
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